Saturday, September 1, 2012

जिंदगी एक जाम है

जिंदगी एक जाम है ,मुस्कुरा के पीजिए 
वक्त जो सौगात दे ,बाअदब ले लीजिए ...(बाअदब -with respect )

सब अधूरे है यहाँ पर अलग अलग किस्म के 
कुछ किसी से लीजिए ,किसीको कुछ दे दीजिए...

सबके दिल में एक कोना ,जीतने का हो हुनर 
पर आपको जो जीत माने ,दिल उसे ही दीजिए...

हद से गुज़र जाने का जज्बा ,इश्क में रखिये मगर 
खुदी जहाँ खतरे में हो ,सब ताक पे रख दीजिए...(खुदी -self respect )

"जो कभी हासिल हो तुमको ,मांगो कि वो हक हो तेरा "
गर भीख कहकर दे .कोई तो कह दो कि रहने दीजिए...."||
-अनजान पथिक

No comments:

Post a Comment