इकरार अदा है आँखों की ,
चुपके से सब कह जाने की ,
इनकार बहाना है बस ..
दिल की धड़कन और बढ़ाने का ...
ये दोनों महज़ तरीके है
जिन्दा रहने के अलग अलग ..
एक रिश्ते को जी लेने का ...
एक रिश्ते को तडपाने का ....
चुपके से सब कह जाने की ,
इनकार बहाना है बस ..
दिल की धड़कन और बढ़ाने का ...
ये दोनों महज़ तरीके है
जिन्दा रहने के अलग अलग ..
एक रिश्ते को जी लेने का ...
एक रिश्ते को तडपाने का ....
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