ओ मेरे मंदिर के खुदा के साए से दिखने वाले ..
ओ मेरे मंदिर के खुदा के साए से दिखने वाले ....
मुझे होठों से लगा ले ,
मुझे नींदों में छिपा ले
हमराही मेरा बनकर
मुझे मंजिल तू बना ले....
ओ दिल में रहने वाले
ओ दिल में रहने वाले
ओ मेरे मंदिर के खुदा के साए से दिखने वाले ....||
(कि) अब दिन भी तुम से ही हो..
रातें भी तेरी ही हो..
तेरे यादों में हो आहट
तो बातें भी मेरी हो...
कभी सपनों में आकर ,यूँ ही मुझको गुदगुदा दे..
ओ दिल में रहने वाले
ओ दिल में रहने वाले
ओ मेरे मंदिर के खुदा के साए से दिखने वाले ....||
क्यों मंदिर अब मैं जाऊं
क्यों मस्जिद सिर नवाऊं
तेरे पास थोडा बैठूं
तुझे धड़कन बस सुनाऊं
इबादत तू ही मेरी,तू ही मेरी है दुआ रे...
ओ दिल में रहने वाले
ओ दिल में रहने वाले
ओ मेरे मंदिर के खुदा के साए से दिखने वाले ....||
तेरी आँखों के वो मोती
अपनी आँखों में सजा लूँ..
खुद को खो दूँ ऐसा तुझमे
तुझसे ज्यादा खुद को पा लूँ ..
तू ख्यालों का गुमान रे,तू ही मेरा आशियाँ रे..
ओ दिल में रहने वाले
ओ दिल में रहने वाले
ओ मेरे मंदिर के खुदा के साए से दिखने वाले ....||
No comments:
Post a Comment