Saturday, January 14, 2012

तुझे तुझसे ही मांगू मैं...||

साँस का एक सुर सजा लूँ..
सांसों के मैं संग तेरी..
ज़िन्दगी रंगीं बना लूँ
लेकर अदा के रंग तेरी....
हो धडकनें महसूस करती कुछ तो अपनी सी नज़र...
कुछ पाक से लम्हे ,जिन्हें हो बस तेरी मेरी खबर...
ऐसा ही कुछ हो जाये गर तो फिर क्या चाहूं मैं..
तुझको खुदा मानूँ,तुझे तुझसे ही मांगू मैं...||

पिघले मेरी बाँहों में तेरी मोम सी .. खुशबू..
छा जाये मेरे दिल पे बस तेरा ,तेरा जादू,,
कलियों के कुछ चटकन भरे अंदाज़ से तेरे..
हो जाये सब मदहोश ,खुद पे ना रहे काबू..

ऐसा ही कुछ हो जाये गर तो फिर क्या चाहूं मैं..
तुझको खुदा मानूँ,तुझे तुझसे ही मांगू मैं...||

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