Sunday, January 15, 2012

बस अपनी सोच से हमने



कई चेहरे सजाएं  है ,बस अपनी सोच से हमने ..
कई तूफ़ान बचाए है ,बस अपनी सोच से हमने ..
कई सूरज बुझायें है ,लगा ,जब आग है ज्यादा
कई दरिया जलाएं हैं ,बस अपनी सोच से हमने
कई देखे नज़ारें है ,बस अपनी सोच से हमने ...
कई मौसम संवारें है ,बस अपनी सोच से हमने
कई कई बार सजाया है फलक को खुद ही चंदा से 
कई तारे उतारे है ,.बस अपनी सोच से हमने ||

कई अपने गंवाएं है ,बस अपनी सोच से हमने ,

कई ढूंढे पराये हैं ,बस अपनी सोच से हमने ..
ये दुनिया की बाज़ारों में खुद की कीमतें देकर ..
खरीदे खुद के साये है ,बस अपनी सोच से हमने ...

कई सपने जवां किये ,बस अपनी सोच से हमने ,

ज़मीन से आसमान किये ,बस अपनी सोच से हमने
कई कई बार सब कुछ याद रखने के जुनूनो में
खुद को ही निशां दिए ,बस अपनी सोच से हमने

कई टुकड़ों को है जोड़ा ,बस अपनी सोच से हमने

अपने आप को तोडा ,बस अपनी सोच से हमने...
अभी तक नापते थे साँसों के धागों से हर हसरत..
जिया है पर बहुत थोडा ,बस अपनी सोच से हमने ...||

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